पहले अच्छी तरह से
हड्डी-पसली तोड़ दो
खड़ा न हो सके
ऐसा निचोड़ दो
टूटकर पंगु हो जाए
तब देश को नया मोड़ दो ….
(०९ अगस्त, २००३ को हिन्दीनेस्ट.कॉम पर प्रकाशित )
अंशुमान चक्रपाणि का दशकों पुराना ब्लॉग नक्कारखाना (Nakkarkhana), विचारों के सैलाब को शब्द देने का एक माध्यम है.
www.Nakkarkhaanaa.blogspot.com
पहले अच्छी तरह से
हड्डी-पसली तोड़ दो
खड़ा न हो सके
ऐसा निचोड़ दो
टूटकर पंगु हो जाए
तब देश को नया मोड़ दो ….
(०९ अगस्त, २००३ को हिन्दीनेस्ट.कॉम पर प्रकाशित )
नक्कारखाना खुद को स्वछंद अभिव्यक्ति करने का माध्यम है. मुझे पूज्य पिताश्री से पढ़ने और लिखने का शौक विरासत में मिला, ये बात अलग है की मेरी लेखनी में उनके जैसा पैनापन और लोगों को बांधे रखने की कूबत नहीं.
नक्कारखाना एक छोटा-सा प्रयास है अपने अंतर्मन में उबलते विचारों को लिपिबद्ध करने का और दिल में जल रहे गुस्से के भड़ास को निकालने का. आपको मेरा ये प्रयास कैसा लगा जरूर बताये, आपकी प्रतिक्रियाओं का मुझे इन्तजार रहेगा|
-धन्यवाद.
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