Saturday, May 9, 2020

अंडा बिरयानी और वेज बिरयानी


सफ़र से नाता काफी नजदीकी रहा है. मेघालय और आसाम यात्रा पर था तो ट्रेन में सफ़र के दौरान एक बात पर ध्यान गया. बात बिल्कुल सामान्य है, सबने देखा-सुना होगा. ट्रैनों में खाने में अंडा बिरयानी और वेज बिरयानी ही हमें सबसे ज्यादा बिकते दिखते हैं. जब देखो तो अंडा बिरयानी और वेज बिरयानी की आवाज आती रहती है.
अंडा बिरयानी..... अंडा बिरयानी.....
वेज बिरयानी..... वेज बिरयानी.....


ऐसा प्रतीत होता है मतलब अंडा बिरयानी को रेलवे ने एक धरोहर की तरह संरक्षित किया हुआ है. मुझे तो ऐसा लगता है रेलवे को इसका पेटेंट ले लेना चाहिए. रेलवे की खानपान (पैंट्री सेवा) को नॉवेल पुरूस्कार प्रदान किया जाना चाहिए. आपको अगर इस विलुप्त व्यंजन को खाना हो तो दुनिया में कहीं अंडा बिरयानी न मिले तो निकल पड़िए किसी भारतीय रेल के सफर पर और मजे लेते रहिए अंडा बिरयानी और वेज बिरयानी का. भले हो सकता है वो एक दिन पहले की बची चावल की बनी हो, पर अंडा बिरयानी और वेज बिरयानी को पसंद करने वालों को इस बारे में ज्यादा सोचने की जरूरत ही नहीं स्वाद लेते रहिए बिल्कुल विलुप्तप्राय रेसिपी अंडा बिरयानी और वेज बिरयानी का.

वैसे मुझे लगता है इस रेसिपी को पसंद करने वालों और खरीदकर पूरे का  पूरा चट कर जाने वालों को भी वीर चक्र या शौर्य चक्र तो मिलना ही चाहिए. मतलब जिगर होना चाहिए यार, इसे पूरी तरह खाने के लिए. लेकिन बात ये भी है कि आपकी जेब से पैसे चले गए, बेकार सा अंडा बिरयानी और वेज बिरयानी आपके सामने आपको मुहं चिढाने लगे तो कोई भी महारथी जो करेगा वो यही होगा कि उसकी जान ले ली जाएँ. और अंडा बिरयानी और वेज बिरयानी की जान तो प्लेट को पूरी तरह साफ कर चट कर जाने के बाद ही जाएगी. 

हाँ, अगर आपकी किस्मत बिल्कुल गणेशजी ने खुद अपने ही हाथों से लिखी हो और आपको बिल्कुल मस्त आइटम हाथ लग गया, मतलब बिल्कुल फ्रेश अंडा बिरयानी और वेज बिरयानी मिल गया हो तो, इसे स्वर्ग भोग ही समझिए. और इससे कम की कोई गुंजाईश ही नहीं.
क्या कहते हो आप ?

बात ठीक लगे तो शेयर भी कर लीजिए, ताकि बाकी लोग जो अभी तक अंडा बिरयानी और वेज बिरयानी का स्वाद से अनजान हो, वो भी इसका भोग लगा सके और अपने जीवन को धन्य कर सकें.

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