Sunday, November 16, 2008

बदलती मान्यताएँ ....



हम और हमारा समाज कितनी तेजी से बदल रहा है इस बात का एहसास अभी कल ही हुआ। पुरानी परंपराए और मान्यतायें तो जैसे बिल्कुल ही बकबास हो गई है आज के युवा पीढी के लिए। अगर इनका बस चले तो इन्हें कब्र में डालकर इसका अन्तिम संस्कार कर और उसके लिए उन्हें पछतावा भी नही हो।

हुआ यूँ की मेरे एक क्लाइंट का लड़का काफी दिनों से स्वाश्थ्य सम्बन्धी समस्यों से जूझ रहा था। कई बार कहने पर भी वो मुझ से मिलने के लिए तैयार नही था। जब परेशानी हद से ज्यादा बढ़ गई तो पेरेंट्स (हाई सोसायटी की बात है भाई माता पिता कहने से निम्न वर्ग की बू आती है) के गुस्साने पर मुझ से मिलने को तैयार हुआ ताकि उसके स्वास्थय से सम्बंधित समस्या को सुलझा सकूँ। बातचीत के क्रम में पता चला की महाशय को छोटी-बड़ी कई समस्याएँ हैं। २५ वर्ष की उम्र में ही बुढापे के सारे लक्षण मौजूद है। कन्धा झुका हुआ, आधे बाल सफ़ेद, खुलकर भूख नही लगना, सर दर्द, पेट दर्द, कब्ज और तो और सब से बड़ी मुसीबत नींद नही आना। खाना पीना के बारे में तो पूछिये मत। पेट को तो बेबकूफ ने कूडेदान बना रखा है | घर का खाना तो मिस्टर स्मार्ट को कुत्तों का खाना लगता है | जब भूख लगेगी तो मेकडोनाल्ड, नरूला, पिज्जा हट, के.फ.सी का रूख करते है | और सुनिए सोने का तो कोई टाइम ही नही है | रात को मिस्टर स्मार्ट २-३ बजे तक तो पार्टी में ही व्यस्त रहते है | हर दिन लेट नाईट पार्टी | वाह, नीली छतरी वाले तुने भी अपनी इस दुनिया में क्या-क्या बनाया। कोई तो बस इक रोटी के बिना भूखा मर रहा है और इक ये सभ्रांत कहलाने वाले लोग हैं, जो हर रात हजारों रूपये बस मस्ती, मदिरा, और अपने जूनून और हवस की भूख मिटाने के लिए खर्च करते है। वाह नीली छतरी वाले, वाह तेरी भी दुनिया निराली है।


सब कुछ काफी देर तक सुनते रहने और उसकी समस्या को समझने के बाद मैंने जब उस बेचारे (जवानी में बुढापा को बुला ले, उसे बेचारा नही तो क्या कह सकते है ) को अपने लाइफ स्टाइल को बदलने की बात की तो उसने साफ़ साफ़ मना कर दिया । उसे तो बस कोई अलाह्दीन का चिराज चाहिए था जो झट से उसकी सारी समस्यों को सुलझा दे, बिना किसी खिटपिट। सबसे दिलचप्स बात तब हुई जब मैंने उसे कहा की चलो कोई बात नही, तुम सिर्फ़ इतना करो की रात में टाइम पे सोने की कोशिश करो। उसने पुछा क्या मैं आप से इक बात पूछ सकता हूँ, मैंने बोला पूछो। 
उसने सीधा सा इक सवाल पुछा- "आप की समझ से हमे कितने बजे सो जाना चाहिए और आप कितने बजे सोते हो ?"  
मेरे इस जवाब को सुनकर की १०-११ बजे तक सो जाना चाहिए (दिल्ली की परिस्तिथि में)। वो मुस्कराया और धीरे से बोला और 
"आप कितने बजे सोते हो?" 
मैंने कहा १० तक तो किसी भी हालत में सो जाता हूँ । और सेहत ठीक रखनी है तो "Early to Bed and Early to Rise, Makes a Man Healthy, Wealthy and Wise" का मंत्र समेसा याद रखना चाहिए | उस मिस्टर स्मार्ट ने झट से जवाब दिया 
"Early to Bed and Early to Rise, Makes Your Girl Friend Run Away with Other Guys"

अब मेरे पास कोई जवाब नही रह गया था उस मिस्टर स्मार्ट को देने के लिए, सो चुपचाप निकल लिया। रास्ते में सोचता जा रहा था : "क्या गर्ल फ्रेंड आज सेहत और जिन्दगी से ज्यादा important है।" मुझे तो जवाब नही मिल पाया। अगर आपको जवाब मिल जाए तो कृपया हमें भी बताये।

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