Wednesday, June 10, 2020

कोरोना और हम

Save Earth from Covid-19

छह महीने बाद भी कोरोना विश्व के लिए खतरा बना हुआ है. वर्ल्‍डओमीटर के डेटा के अनुसार आज तक विश्व में कोरोना संक्रमण के 73,25,401  मामले सामने आ चुके हैं. जिसमें मरने वालों की संख्या 4,13,749 हो चुकी है. भारत में भी आज तक कोरोना के 2,75,413 मामले आ चुके हैं और 7,719 लोग काल के गाल में समा चुके हैं. भारत में आज तक के आंकड़े के अनुसार मात्र 50,61,332 टेस्ट किये गए, जिसमें 2,75,413 कोरोना संक्रमित मिले. मतलब टेस्ट के हिसाब से संक्रमण 5.44% है और संक्रमितों में से 3% लोगों की ही जान गई है. ये हालत तब है जबकि जवान और स्वस्थ लोगों को बिना टेस्ट किए ही होम कोरेंटाइन कर ही इतिश्री कर दिया जाता है, अगर होम कोरेंटाइन किए गए लोगों की भी टेस्ट की जाती तो डेथ रेट और भी कम होतीआबादी के हिसाब से अगर भारत में कोरोना टेस्ट की संख्या पर भी नजर डाले तो आंकडें बेहद कम दिखते हैं. 

कोरोना के कहर के कारण



सरकार की सुपर हीरों की छवि बनाने की कोशिश में, विदेशों से जहाजों में भर-भर लोगों लाया गया और सिर्फ थर्मल स्क्रीनिंग का ड्रामा कर पागल कुत्तों की तरह पुरे देश में खुला घुमने छोड़ दिया गया. थर्मल स्क्रीनिंग को मैं मार्च के पहले हफ्ते से ही ड्रामा बोल रहा था और कई लोग उस वक्त इसे सरकार की वेवजह बुराई बता रहे थे. मेरे मार्च के इस पोस्ट को देखियें - कोरोना आखिर फैला कैसे ? उम्मीद है, मेरे उन मित्रों को अब तक थर्मल स्क्रीनिंग कितना कोरोना का पता लगा सकता है, ये समझ आ गया होगा.  फिर जाहिल और इंसानियत के दुश्मन जमातियों ने जो तांडव मचाया वो किसी से छुपा नहीं है. जाहिल जमातियों की वजह से कोरोना देश के हर छोटे-बड़े शहरों तक पहुँच गया. लोगों ने भी लॉक डाउन की हर दिन धज्जी उड़ाई. हमारे भागलपुर में आपातकालीन सेवा में आते-जाते जो नजारा सुबह-दोपहर-शाम सड़कों और बाजार का देखा, कभी लगा ही नहीं यहाँ कोई लॉक डाउन है. फिर रही सही कमी सरकार ने श्रमिकों के लिए ट्रेन चलाकर पूरी कर दी. और परिणाम जो होना था, वो हो रहा है...

हमारी नाकामी और कोरोना



लॉक डाउन की वजह से भारत में कोरोना की स्पीड शुरू में थोड़ी धीमी रही. पहली नाकामी रही विदेशों लोगों को लाना और उसके बाद उन सबको बिना कोरेंटाइन के सबको छोड़ देना. फिर दिल्ली के खांसी वाली सरकार के निकम्मेपन की वजह से जमातियों ने कोरोना का भरपूर पोषण किया और देश के कोने-कोने तक इसे पहुँचाया. और जो कमी रह गई उसे सरकार ने खुद पूरा कर दिया. सरकार पर श्रमिकों को अपने-अपने घर पहूँचाने का दबाव बढ़ा और सरकार ने लाखों प्रवासियों को ट्रेन से भर-भर पहुँचाया भी. अब चाहे राज्य सरकार की नाकामी रही हो या सरकारी तंत्र की जानीमानी कमी, कोरोना आज देश के गाँव-गाँव में पहुँच चूका है. स्थिति को सामान्य करने की जो सुपर सोनिक स्पीड अपनाई गई और लोगों की मुर्खता और ये मान लेने की वजह से "मुझे थोड़े ना कोरोना हुआ है जो मैं कोई परहेज करूँ" ने देश का बेडा गर्क कर दिया. कोरोना से सम्बंधित सुरक्षा उपायों को भी लोगों ने गंभीरता से नहीं लिया और ना ले रहे हैं.

कोरोना और नंबर गेम




हम कोरोना संक्रमित देशों की सूची में पीटी उषा से भी तेज भाग रहे हैं. आज हम 2,75,413 कोरोना संक्रमितों के साथ सूचि में 6 वें स्थान पर हैं और ऐसे ही विकास करते रहे तो इसी हफ्ते हम 4वां स्थान भी हासिल कर लेंगे. विकास की यही गति बनी रही तो उम्मीद है जल्द ही एक नंबर की दवेदारी भी पेश करेंगे. सरकार ने सबकुछ खोलने के निर्णय के साथ अगर स्कूल भी खोल दिए तो भारत शायद पहला राष्ट्र हो, जहाँ कम से कम 90% लोग संक्रमित होंगे. 

कोरोना की असली स्थिति 



भारत एक विशाल देश है जहाँ सघन आबादी में हम जीते हैं. पुरे देश का कोरोना टेस्ट किया जाए तो शायद सालों.... सालों लग जाएँ. तब तक शायद लोगों को कोरोना आ नाम भी याद ना रहे. आइये जो मुझे समझ आ रहा है मैं समझाता हूँ. अब अगर संक्रमण के सरकारी डेटा को पूरी देश की आबादी यानि 1,37,91,96,659 पर लागु कर देखें, जिनका टेस्ट नहीं हुआ या जिनमें लक्षण नहीं दिख रहे. मतलब 5% लोग भी संक्रमित हुए तो 6,89,59,832 लोग संक्रमित हो चुके हैं. अब करोड़ों लोगों के संक्रमण से मौत के आंकडे को देखेंगे तो ये कुछ भी नहीं रह जाता. लोग जिस तरह से सुरक्षा उपायों की धज्जियाँ उड़ा रहे हैं, मुझे उम्मीद है संक्रमितों की संख्या 6,89,59,832 से भी कई गुणा ज्यादा हो चुकी है. 

भारत में कोरोना से मौत 



भारत में दस लाख लोगों पर मात्र 200 टेस्ट किए गए हैं. दस लाख लोगों में से मात्र 6 लोगों की ही मौत हो रही है. मतलब हमें ज्यादा घबराने और डरने की जरूरत नहीं है. कोरोना संक्रमण से मरने वालों में ऐसे लोग ज्यादा हैं, जो पहले से गंभीर बिमारियों से ग्रसित हैं. मौत का आंकड़ा तो भारत में कम है फिर डरने वाली बात भी नहीं. 

सुरक्षा उपायों और सावधानियों के बाबजूद भी संक्रमित हो ही जाएँ तो ...

सुरक्षा उपायों और सावधानियों के बाबजूद भी संक्रमण हो ही जाएँ तो घबराएँ नहीं, हौसला रखें. हॉस्पिटल में हर किसी को एडमिट होने की जरूरत ही नहीं पड़ती. लाखों लोग बिना इलाज से ठीक हो रहें हैं, आप भी जानते हैं इसका कोई इलाज नहीं. तो जो लोग हॉस्पिटल से ठीक होकर निकल रहे हैं असल में उनका शरीर खुद ही कोरोना को हरा कर संक्रमण को ठीक कर रहा है. डॉक्टर की सलाह लें. अपने को आइसोलेट करें और साफ़ सफाई के साथ देशी उपायों को आजमायें. कोरोना हफ्ते में ठीक हो रहा है. भारतीयों की इम्यून सिस्टम यहाँ के रफ एंड टफ जीवन शैली की वजह से पहले ही स्ट्रोंग है, अगर थोड़ी कमी है तो उसे खानपान और जीवन को व्यवस्थित कर सुधारें. 

क्या करें 



सबसे पहले ये खुशफहमी पालना छोड़ दें कि सबकुछ ठीक है और कोरोना एक आम फ्लू जैसा है. कोरोना एक पेंचीदा वाइरस है, जिसे समझने में वैज्ञानिकों के पसीने छुट रहे हैं. फिर भी हमें कामकाज पर लौटना ही है, जिन्दगी को पटरी पर लाना है. जिन्दगी को सामान्य करने के चक्कर में गलती से भी स्थिति को सामान्य ना समझें. सावधानी और सुरक्षा उपायों को अपनाना होगा और कोशिश करनी होगी ज्यादा से घर में रहा जाएँ और सिर्फ कामकाज के लिए ही घर से निकलें. मौज मस्ती पर शायद कुछ महीने हमें रोक लगानी ही होगी. ये हमारे स्वास्थ्य के साथ इस माहामारी की स्थिति में पॉकेट के लिए भी बेहतर होगा और देश के लिए भी. अगर इन बिन्दुओं को ध्यान में रखेंगे तो कोरोना आपसे जरूर दूर भागेगा :    

  • सावधानी और बचाव के साथ ही अति आवश्यक होने पर ही घर से निकलें. 
  • मास्क, हाथ धोने का साबुन और हैंड सेनेटाइजर हमेशा साथ होना चाहिए. 
  • सिर्फ मास्क पहनना ही काफी नहीं, उसे इस्तेमाल करना भी सीखें. बार-बार मास्क को छूना मास्क ना पहनने से ज्यादा खतरनाक घर का राशन और अन्य जरुरी सामान को महीने से हिसाब से खरीदें और फलों और सब्जियों के लिए हफ्ते में एक दिन ही खरीददारी की कोशिश करें.
  • भारतीय खानापर विश्व में सर्वोत्तम है, उसे अपनाएँ जिससे आपकी रोग से लड़ने की क्षमता यानि इम्यून सिस्टम स्ट्रोंग होगा.
  • रात में जल्दी सोएं, देर रात्रि तक जागने से सबसे बुरा प्रभाव बॉडी क्लॉक पर पड़ता है, जिससे इम्यून सिस्टम कमजोर होता जाता है. 
  • सुबह कोशिश करें सूर्योदय के साथ बिस्तर छोड़ ही दें. सूर्योदय के बाद सोना भी स्वास्थ्य को ख़राब करता है.
  • नियमित रूप से एक्सरसाइज या योग करें और साथ में कुछ किलोमीटर की वाक भी करें.
  • सोशल डिस्टेंस का पालन करें और बाहर से पहले हाथ साफ करें, फिर डिटोल और साबुन से स्नान कर ही घर के किसी भी चीज को छुए. 
  • बाहर से आकर कपड़े भी साफ करें.
  • अगर ऑफिस जा रहे हैं तो ऑफिस से आकर फोन और लैपटॉप आदि को सेनेटाईज कर ही इस्तेमाल करें.
  • ऑफिस या बाहर इस्तेमाल होने वाली चीजों को घर में उपयोग ना करें. 
  • सावधानी ही बचाव है, इसका ख्याल रखें पर डर को दिल से निकाल दें.

4 comments:

  1. आपकी बात से पूर्णतः सहमत। अभी जरूरत है सावधानी रखने की। कोरोना के मामले में तो सवारी खुद के सामान की सुरक्षा की खुद ही जिम्मेदार होती जा रही है। सरकारी व्यवस्था तो ढह ही रही है और इज़ कारण वो लोग अब केवल खानापूर्ति कर रहे हैं। हमे खुद ही देखना है।

    ReplyDelete
    Replies
    1. एक महीने से कुछ ज्यादा समय बिता है इस पोस्ट को और आज पूरी व्वस्था कोरोना संक्रमितों के सामने ढह गई है. हम फिर से लम्बे लॉक डाउन की ओर बढ़ रहे हैं. लोगों की लापरवाही और सरकार की नासमझी ने देश को गर्त में पहुंचा ही दिया.

      Delete
  2. Replies
    1. हरि ॐ योगेन्द्र जी,
      आपका नक्कारखाना पर स्वागत है. ये शायद आपकी पहली ही कमेंट है. अच्छा लगा आपको यहाँ पाकर.

      Delete

इसे भी देखे :