पढ़िए समझिये और अपनी राय दीजिये...
भारत की कुल बजत का 3% से भी कम निवेश स्टॉक मार्किट में होता है. जिसमें LIC और इसके जैसी कई प्राइवेट कंपनियो का इंशोरेंस का निवेश भी शामिल है, जिसमें इंशोरेंस बेचने वालों और बैंक मिलकर जो ग्राहक को उल्लू बना फंसाकर निवेश हासिल करते हैं वो भी शामिल है.
अगर लोगों के डायरेक्ट स्टॉक मार्किट में निवेश के आंकड़े को ही लें, तो वो 1% मात्र है. मतलब देश में मात्र 1% लोग एवरेज लोगों से अलग सोच रहते हैं और सही मायने में प्रबुद्ध कहे जा सकते हैं, जो निवेश को समझते हैं.
क्या आप इसका सबसे बड़ा कारण जानते हैं....
इसे Financial literacy की कमी कहा जाता है. अगर सीधे-सीधे कहूँ तो भारत में 97% से ज्यादा लोग Financially Illiterate हैं. इसका मतलब ये हुआ की जो 1% लोग डायरेक्ट मार्किट में निवेश करते हैं वो सुपर क्लास है, elite class.
तो भाई लोग खुद को स्पेशल फील करो, अगर आप भी इस क्लास में हो और अगर आप 97% वालों में हैं तो तो इश्वर आपका भला करें.