Monday, December 5, 2011

फिर नई शुरुआत



काफी लंबे समय के बाद अब फिर से अपने ब्लॉग पर लिखने की सोच कर इसे अपडेट कर रहा हूँ | उम्मीद है अपनी लेखनी को फिर से जिंदा कर सकूं, जो की पिताश्री के देहांत के साथ ही बंद हो गया| पिताश्री ही मेरे लिखनी के मूल श्रोत थे | उन्होंने मेरे छोटे-से-छोटे विचारों को भी विस्तृत कर एक नया आयाम दिया | मेरी अब तक की प्रकाशित रचनाओं में चाहे वो विभिन्न समाचार-पत्रों में छपी हो या पत्रिकाओं में, उनके विचारों ने एक अहम भुमिका निभाई| उनके जैसी विस्तृत विचारों का धनी होना, अपने आप में एक उपलब्धि है |



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