Wednesday, November 7, 2018

दीपावली और प्रदूषण - एक साजिश

दीपावली और प्रदूषण - एक साजिश  


किसने इन गधों को वैज्ञानिक और अनुसंधान करने की योग्यता की डिग्रीयां दी? जैसे मनमोहन सिंह अर्थशास्त्री कहलाने के लायक नहीं थे, उसी श्रेणी के ये गधे वैज्ञानिक और खानग्रेसी पर्यावरणविद  दीपावली से प्रदूषण होता है का हंगामा खड़ा किये हैं पिछले कुछ सालों से। क्रिसमस और नव वर्ष के उपलक्ष में भी उच्च वर्गो द्वारा जमकर आतिसबाजी की जाती है, लेकिन वो आतिसबाजी में प्रयुक्त पटाखे बिलकुल प्राकृतिक और हवन सामग्रियों से बनाया जाता है, जिससे वातावरण शुद्धि होती है।

गधे वैज्ञानिक, मुल्ले मीलॉर्ड और खानग्रेसी पर्यावरणविदों अब बताओ ये दीपावली के दो दिन पहले वायु प्रदूषण 20 गुणा कैसे बढ़ गई दिल्ली में ??? क्या तेरे बाप - नाना - दादा स्वर्ग में आतिसबाजी कर रहें हैं जिसका प्रदूषण दिल्ली तक पहुंच गई???

इन गधों को यही समझ नहीं आता यह समय गर्मी और सर्दियों के बीच का है, जिसमें वायु घनीभूत हो रही है, गंदी हवा को नीचे से ऊपर जाने से रोक रही है। जिसके कारण कोहरे जैसा दिख रहा है और वायु प्रदूषित हो रहा है। यह कोई नई बात नहीं है, हर वर्ष ये सिलसिला चलता आया है और 100% पटाखे चलाने पर प्रतिबंध लगा देने के बाद भी ऐसे ही चलता रहेगा।

हिन्दुओं को भेड़ - बकरी समझने वाले लोग जब तक अपने कुंद मानसिकता और धर्म की राजनीति से बाहर आकर नहीं सोचेंगे तब तक ऐसे ही जोकरों की तरह मसखरी करेंगें टेलीविजन पर बैठ कर कर प्रदूषण पटाखों से बढ़ता है और अपने को बड़ा समझदार समझने वाले लोग चाय दुकान फेसबुक और ट्वीटर जैसे सोशल मीडिया पर बैठ ज्ञान पेलेंगे।

2 comments:

  1. अंशुमान चक्रपाणि जी आपका इस blog को लिखने के लिए ह्रदय से बहुत-बहुत आभार एंव दिपावली की आपको व आपके परिवार को शुभकामनाएँ....🙏

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  2. धन्यवाद भाई जी. आपको प्रयास अच्छा लगा सुनकर ख़ुशी हुई.

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