Thursday, July 4, 2019

वित्त संस्थानों के पास पड़े हैं लावारिस करोड़ों

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के दो दिनों पहले लोक सभा में दिए जानकारी के अनुसार सिर्फ बैंकों के पास, ऐसी राशि जिसका कोई लेनदार नहीं, 2018 के अंत में 26.8% की वृद्धि के साथ 14,578 करोड़ रुपये हो गई है.


आखिर ऐसा होता क्यों है? आपके करोड़ों रूपये बैंकों, बीमा कंपनियों, पीएफ अकाउंट, डिविडेंट, शेयर और म्यूचुअल फंड में पड़े क्यों रह जाते हैं?

Unclaimed amounts with banks in India.

इसका सबसे बड़ा कारण देश में फाइनैंशियल लिटरेसी की कमी हैं.
आइए इसका कारण और इससे बचने के उपाय जाने, जिसके बारे में आपको कोई नहीं बताएगा:
1. पहला सबसे बड़ा कारण, हिंदुस्तान में फाइनैंश और सेक्स ऐसे विषय हैं जिसपर कोई बात करना नहीं चाहता, और अधूरी जानकारी सिर्फ आपका पैसा ही नहीं, आपके अपनों की जिंदगी भी तबाह करती है.

2. बैंकों में फिक्स्ड डिपॉजिट और रेकरिंग डिपॉजिट, शेयर और म्यूचुअल फंड में ज्यादातर निवेश एकल या सिंगल किया जाता है और इतना छुप - छुपाकर की परिवार के सदस्यों को भी खबर न हो. ऐसी स्थिति में जमाकर्ता के निधन के बाद यह रकम यूँ ही लावारिस अवस्था में सरकार के पास पड़ी रहती है. कभी भी बैंकों के फिक्स्ड डिपॉजिट और रेकरिंग डिपॉजिट, शेयर और म्यूचुअल फंड में निवेश सिंगल मोड में न करें, इसमें परिवार के किसी न किसी सदस्य को जॉइंट् में शामिल करें. लोग दलील देते हैं, नॉमिनी में तो नाम है ही. पर महानुभाव आपके गुजर जाने के बाद नॉमिनी को कैसे पता चलेगा कि यहाँ माल जमा किया है?

3. जॉब बदलना और लगातार बदलते रहना आजकल आम बात है, पर इसके साथ ही पीएफ में जमा राशि पर कभी ध्यान नहीं दिया जाता. इसका सबसे बेहतर उपाय है जॉब बदलें तो पहले पीएफ अकाउंट को ट्रांसफर करवाएं या फिर कुछ समय बाद पुराने पीएफ अकाउंट से पैसे निकाल लें, अगर आपने वही अकाउंट ट्रान्सफर नहीं करवाया.

4. बैंकों में जमा राशि और करवाई गई जीवन बीमा की जानकारी परिवार के सदस्यों को भी दें. और इसके संबंधित सभी कागजात और खातों को एक जगह रखें. जिससे आपके न रहने की स्थिति में भी परिवार को आसानी से मिल सके.

उम्मीद है इसे पढ़कर अमल करेंगे और इसे शेयर कर औरों तक पहुंचाएंगे.

Also visit my Travelogue :

No comments:

Post a Comment

इसे भी देखे :