Friday, November 8, 2019

कहाँ स्मार्ट सिटी भागलपुर ....और कहाँ दिल्ली.... जैसे राजा भोज और गंगू तेली

दिल्ली में बड़ी हाय तौबा मची है प्रदुषण को लेकर, लोगबाग के साथ कोर्ट भी कोस रही सरकार को. पर.... पर...
आइये सिल्क सिटी के नाम से जाना जाने वाले बिहार के दुसरे बड़े शहर, भागलपुर, वैसे तो अधिकारिक रूप से अभी भी गया ही दूसरा बड़ा शहर है. पर वो अब काफी पुरानी बात हो चुकी है और भागलपुर आगे हो चला है, पर सरकार तो अब जनगणना में ही इसे घोषित करेगी. जो मोदी जी की असीम कृपा से अब स्मार्ट सिटी भागलपुर हो गया.

अब आप कहेंगे क्या खास है भाई यहाँ, क्यों बुला रहे हो ?
तो जवाब है, बस एक बार भागलपुर आ जाओ और शहर को देखो, सड़कों पर घूमों और फिर आपको पता चलेगा यार ऐसे भी नरक होते हैं इस धरती पर. इसके सामने दिल्ली का प्रदुषण तो अभी बाल्यकाल में ही है. यहाँ सड़कों की धुल से आपके आगे जाने वाला ऑटो ही इतनी नहला देगा की सफ़ेद रुमाल काला हो जायेगा और बीबी घर में पूछेगी ... अजी मैंने तो सफ़ेद रुमाल दिया था.... जे कहाँ से ले आये??

सड़क पर कूड़े की तो पूरी पुराण लिखी जा सकती है. लोग निकलते हैं घरों से और दे मारते हैं बाउंसर और सडक पर जब तक कम से कम पचास मीटर तक कूड़ा न फैले क्या खाक कूड़ा फेंका. फिर बड़ी शान से चारो ओर देख जैसे ललकार रहें हों .... है कोई माई का लाल जो मेरे से भी आगे कूड़ा फेंक के दिखाए???? नगर निगम के भाड़े के सफाई कर्मी घरों से कूड़ा जमा कर सड़कों पर फैला जाते हैं. और मुख्य सड़कों पर भी नाले का पानी गंगा जल की तरह बहता रहता है सालों भर, लोग इसमें आचमन कर अपने को धन्य मानते होते हैं, विश्वास हो तो हो आइये स्टेशन के पास ही स्थित सब्जी मंडी और लोहा पट्टी. हाँ, इसमें भागलपुर की शान जैन मंदिर एरिया को भी शामिल कर लीजिये. जैन तीर्थ यात्री तो अब आने से भी कतराने लगे वहाँ बने नाले के तालाब से जो सालों से वैसा ही पड़ा है. 

सड़कों पर धुल और मिटटी की कोई कमी नहीं, यहाँ लक्मे की कोई जरूरत न होती महिलाओं को. स्मार्ट सिटी जो ठहरा.... बाहर निकलों और सडक पर आते ही हो गया मेकअप. बिलकूल फेयर एंड लवली जैसा... चकाचक.
सड़कों पर जाम की तो ऐसी हालत है की दिल्ली के लोगों को अपने मोहल्ले के गटर में कूदकर ही जान दे देनी चाहिए. यहाँ जाम नहीं... महाजाम होता हो ..... नहीं समझे ?.... बुद्धू हो यार आपलोग.... महाजाम मतलब कम से कम 100 किलोमीटर और थोडा बढ़ ले तो 250 से 300 किलोमीटर का महाजाम तो यहाँ आम बात है. मतलब आज लगे तो दो दिन बाद भी न हटे, इसे कहते हैं जाम. दिल्ली में घंटा जाम होता है.... एक घंटे में जाम ख़त्म. धत्त ...... और मंदबुद्दी लोग उसे जाम कहते हैं. 

अब आप कहोगे लोग रहते कैसे हैं???.... 
क्या रहते हैं भाई.... निरीह लोग डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड के साथ स्वांस सम्बन्धी रोगों से ग्रषित होते रहे हैं. मतलब कोई चारा न है, दिल्ली में वैज्ञानिक बोले हैं दस साल उम्र कम हो रही है... हिंया तो उस हिसाब से बीस साल कम हो रहे हैं लोगों के. पर नगर निगम सो रहा है, मेयर और उप मेयर सो रहे हैं, सांसद और विधायक सो रहे हैं, पुलिस और प्रसाशन सो रहे हैं, सरकार सो रही और जनता को तो मरना है तो मर रही है मायागंज में डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड और  न जाने किस - किस बीमारी से. अस्पताल तो जैसे मरने वाले के लिए काशी और मरीजों के साथ जाने वाले परिचितों के लिए पिकनिक स्थल बना हुआ है. बिलकुल मेले सा माहौल बना है, हर दुसरे घर में अभी डेंगू और मलेरिया से लोग पड़े हैं और डॉक्टर की चाँदी ही चाँदी. हर हफ्ते डेंगू से सिर्फ भागलपुर में ही दो - चार निकल ले रहे स्वर्ग की यात्रा पर, पर हमरे विकास पुरुष नितीश बाबु मिडिया में ताल ठोके हैं की बिहार में डेंगू से एक भी मौत न हुई. और तो और जे विकास पुरुष खुद  साल में कम से कम बारह दौरे कर ही लेते हैं भागलपुर के, हैं आखिर बिहार का दूसरा बड़ा शहर अब. वोट पड़े हैं, उनके कुछ लंगोटिया यार भी पड़े हैं इस नरक में.
इतना सब है क्या दिल्ली में????? नहीं न????

तो फिर प्रदूषित शहर का तगमा बिहार के भागलपुर को दो, दिल्ली को फर्जी में विजेता बनाए हैं पत्रकार और मीलॉर्ड मिलकर. 
स्मार्ट सिटी भागलपुर और यहाँ के नगर निगम की जय हो !

#bhagalpursmartcity

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