Saturday, May 9, 2020

सरकार एक मदारी, कोरोना जमूरा और हम और आप दर्शक -2




जैसा कि कल बताया था, दो घटनाओं के बारे में. दोनों घटनाओं से आपको एक-एक कर अवगत करवाऊंगा कहा था. पर कल एक घटना ही आपके सामने रख पाया, जिसे आप इस लिंक पर पढ़ सकते हैं - https://nakkarkhaanaa.blogspot.com/2020/05/blog-post.html, तो आज बात दूसरी घटना की. लोग घरों में बंद हैं, मज़बूरी भी है. इधर दिन रात लगातार आपको कोरोना का समाचार मिल रहा है और सरकार के समर्थक वाह - वाह करते नहीं थक रहे कि सरकार बेहतरीन काम कर रही है. सरकार तो सरकार है जी,  जिस तरह बाकि चीजों में आज तक सीरियस रही है वैसे भी कोरोना से लड़ने में सच में सिरियस है. इसमें आप और हम दोष देंगे सेवा देने वाले को जो आपको सामने दिखेगा... डॉक्टर, नर्स, मेडिकल स्टाफ, पुलिसकर्मी. ये लोग आपको सामने दिख रहे तो कुछ लोग इनके काम की सराहना भी कर रहे हैं और करना भी चाहिए.

पर असल समस्या ये सेवा देने वाले नहीं है, जिसपर आप और हम लापरवाही का सारा दोष लगाते हैं. समस्या है सिस्टम में और वो भी ऊपर से.

दूसरी घटना
जैसा कि कहा जा रहा है बाहर से आने वाले को 14 दिनों तक अलग रखा जायेगा, मतलब कोरोंनटाईन किया जायेगा. ये भारत सरकार का आदेश है जिसे हर राज्य को मानना है. जैसा कि आपलोगों को भी जानकारी में होगा कि कोटा से छात्रों और छात्राओं को लेकर रेलवे की श्रमिक गाड़ी दानापुर 2 मई, 2020 को पहुंची. सभी यात्रियों की पूरी तामझाम के साथ स्वागत किया गया. ट्रेन से उतरते के बाद सेनेटाईज कर स्क्रीनिंग की गई. सबकुछ पुरे कड़ाई से किया गया. इसके लिए आपके साथ मैं भी ताली बजाने को तैयार हूँ. अच्छे काम की तारीफ तो करनी ही चाहिए.

अब आप सोच रहे होंगे क़ी राजस्थान से आने वालों 1200 यात्रियों को तो सरकार पूरी कड़ाई से कोरोंनटाईन सेण्टर ले जाकर रखेगी. होना भी यही चाहिए था. पर हुआ कुछ और. 

क्या हुआ मालूम है आपको? शायद नहीं.
सरकार ने सारे  छात्रों और छात्राओं को सिर्फ स्क्रीनिंग कर सबको अपने - अपने जिले भेज दिया और सभी  छात्रों और छात्राओं को अपने जिले पहुँचने के बाद अपने - अपने घर भेज दिया गया. हमारे आसपास के घरों में ही दर्जनों  छात्र-छात्राएं अपने घर को लौट आए और खुश हैं कि वो अपने घर पहुँच गए.

अब आप इस घटना से अंदाजा लगा लीजिए किस तरह का संकट बाहर से आने वाले श्रमिक आयर  छात्र-छात्राएं लेकर आपके और हमारे आसपास पहुँच चुके हैं. और मुझे पूरी उम्मीद है श्रमिक गाड़ियों से आने वालों लाखों लोगों का भी हाल यही होगा. आने वाले दिनों में श्रमिक गाड़ियों से मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल, उड़ीसा को सिर्फ और सिर्फ सर दर्द मिलने वाला है, अगर आने वालों के साथ बिहार सरकार की तरह ही लापरवाही हर जगह की जा रही होगी.

अब आप ही सोचिये क्या मैंने सच नहीं कहा कि कोरोना के नाम पर सिर्फ नौटंकी चल रही है, जिसमें सरकार एक मदारी, कोरोना जमूरा और हम और आप दर्शक मात्र हैं.

No comments:

Post a Comment

इसे भी देखे :