अंशुमान चक्रपाणि का दशकों पुराना ब्लॉग नक्कारखाना (Nakkarkhana), विचारों के सैलाब को शब्द देने का एक माध्यम है.
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Tuesday, June 8, 2021
Real Elite Class in India
Monday, May 24, 2021
Hadjod – हड़जोड़ एक चमत्कारी पौधा
Hadjod – हड़जोड़
परिचय
गिरहबाज, हड़जोड़, जिसका आयुर्वेदिक नाम अस्थिसंहार या अस्थिजोड़
है. बिहार में स्थानीय भाषा में इसे गिरहबाज कहा जाता है. इसलिए हमलोग इसे बचपन से
गिरहबाज के नाम से ही जानते और पहचानते हैं. इसका वनस्पतिक नाम Cissus Quadrangularis (सीस्सुस क्वॉड्रंगुलारिस्) है. हड़जोड़ का मतलब हड्डी जोड़ या अस्थिजोड़ को अंग्रेजी में Bone setter (बोन सेटर) भी कहते हैं. आयुर्वेद में हड़जोड़ का तना, पत्ते तथा जड़ का औषधि के रुप में इस्तेमाल होता है. हड़जोड़ पौधा का तना
चारकोनिय एवम गांठ की तरह से बने होते हैं, इसमें एक एक गांठ पर पत्ते निकले होते
हैं, जो तना पुराना हो चूका होता है वो ज्यादातर पत्ते विहीन ही होते हैं. हड़जोड़ के
तने में हृदय के आकार वाली छोटी पत्तियां होती है. बरसात में इसमें छोटे-छोटे फूल
लगते हैं और जाड़े में लाल रंग के मटर के दाने के बराबर फल लगते हैं.
दक्षिण भारत और
श्रीलंका में इसके तने को साग के रूप में प्रयोग करते हैं.
देश के विभिन
हिस्सों में हड़जोड़ को भिन्न-भिन्न नामों से जाना जाता है:
Hindi- हड़जोड़, हड़संघारी, हड़जोड़ी, हड़जोडवा
Sanskrit- ग्रन्थिमान्, अस्थिसंहार, वज्राङ्गी, अस्थिश्रृंखला, चतुर्धारा
Oriya- हडोजोडा
Urdu- हडजोरा
Assamese– हरजोरा
Gujrati- चौधरी, हारसाँकल
Bengali- हाड़भांगा,
हरजोर
Marathi- कांडबेल,
त्रीधारी, चौधरी
English- Edible
stemmed vine, Veld grape, Winged tree vine
हड़जोड़ खास क्यों
है ?
इस पौधे का उपयोग
हड्डी के टूटने या मोच से संबंधी बीमारियों के चिकित्सा में किया जाता है या ये
कहना ठीक होगा की किया जाता था. अब तो गाँव के लोग भी इसे नहीं पहचान पाते. हड़जोड़ को
आयुर्वेद में औषधि के रुप में सबसे ज्यादा प्रयोग हड्डियों को जोड़ने के लिए
इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा भी हड़जोड़ पेट संबंधी समस्या, पाइल्स, ल्यूकोरिया, मोच, अल्सर आदि रोगों के उपचार में तो होता ही है साथ ही यह दर्दनाशक और पाचन रोगों
में भी काम आता है.
औषधीय गुण
आयुर्वेद
विशेषज्ञों के अनुसार हड़जोड़ में सोडियम, पोटैशियम, फास्फेट और
कैल्शियम कार्बोनेट भरपूर पाया जाता है. कैल्शियम कार्बोनेट और फास्फेट हड्डियों
को मजबूत बनाता है. आयुर्वेद में टूटी हड्डी को जोड़ने में हड़जोड़ को रामबाण माना जाता है. इसके
अलावा कफ, वातनाशक होने के कारण बवासीर, वातरक्त, कृमिरोग, नाक से खून और कान बहने
पर इसके स्वरस का प्रयोग किया जाता है. मुख्य रूप से इसके तने का प्रयोग किया जाता
है.
सबसे पहले बात
करते हैं उस वजह की जिसकी वजह से इसका नाम ही हड़जोड़ पड़ा. ये टूटे हुए हड्डियों को
जोड़ने में चमत्कारी रूप से काम करता है. हड़जोड़ के उपयोग से हड्डी के जुड़ने का समय 33-50 फीसदी तक कम हो जाता है.
· हड़जोड़ की जड़ को
सुखाकर चूर्ण कर उसे 2-5 ग्राम दूध के साथ लेने से टूटी हुई हड्डी जुड़ जाती है.
· १. हड़जोड़ के तने
या पत्तों के रस को 10-15 मिलीग्राम घी के साथ लेने से भी टुटा हुआ हड्डी जल्द जुड़
जाता है और दर्द में भी आराम पहुंचता है.
· २. हड़जोड़ के तने
या पत्तों लुगदी बना कर अलसी तेल के साथ टूटे या मोच वाले जगह पर बांधने से आराम
मिलता है.
· ३. हड़जोड़ के पकोड़े
बनाकर 15 दिनों तक खाने से हड्डियों के टूटने में शीघ्र लाभ होता है तथा तीव्र वात
के बीमारियों में लाभ मिलता है.
हड्डी सम्बन्धी
रोगों में उपयोग
रीढ़ की हड्डी के
दर्द से भी हड़जोड़ राहत दिलाता है. इसके लिए हड़जोड़ के पत्तों को गर्म करके सेंकने
से दर्द में आराम मिलता है.
अगर मोच हो गया
हो और दर्द से परेशान हों तो हड़जोड़ का घरेलू उपाय बहुत ही लाभकारी होता है.
हड़जोड़ के तने या पत्ते का जो भी उपलब्ध हो का रस तिल तेल में मिलाकर गर्म कर मोच
पर लगाने से मोच के दर्द में आराम मिलता है और मोच को जल्द ठीक करता है.
अन्य उपयोग
· १. अस्थमा में
हड़जोड़ के रस का 5-10 मिलीग्राम को गुनगुना कर पिलाने से श्वास में लाभ होता है.
· २. हड़जोड़ के पत्ते
के रस को मधु के साथ मिलाकर पीने से पाचन क्रिया की गड़बड़ी ठीक होती है.
· ३. पाइल्स या बबासीर
में भी इसका उपयोग फायदेमंद होता है.
· ४. गठिया के दर्द से
हड़जोड़ का सेवन करने से
इससे आराम मिलता है. छिलका रहित तना एक भाग तथा आधा भाग उड़द की दाल को पीस कर तेल
में छान कर पकोड़े बनाकर खाने से वातरोगों में आराम मिलता है.
· ५. हड़जोड़ का उपयोग
बदन दर्द में भी दर्दनिवारक साबित होता है. इसका उपयोग करने पर कुछ ही देर में
दर्द से आराम मिल जाता है.
हड़जोड़ का उपयोग
कैसे करें
· १. 2-4 मिली तने जड़
का रस
· २. 1-2 ग्राम पेस्ट
· ३. 5-10 मिली पत्ते
का रस
· ४. इसके तने को
तोड़कर महीन काट कर बेसन में पकोड़े बनाकर भी उपयोग किया जा सकता है.
· ५. इसका 5-6 अंगुल
तना लेकर बारीक टुकड़े काटकर काढ़ा बना सुबह-शाम पीएं.
Saturday, April 24, 2021
कोरोना और ऑक्सीजन
आज बैठे - बैठे मन में एक विचार आया –
इसी महीने ग्यारह साल से रह रहे फ्लैट को छोड़कर दूसरे घर में सिर्फ और सिर्फ इसलिए शिफ्ट किया, क्योंकि नए मकान मालकिन को छत पर गमलों में लगे पौधों से नफरत थी. हर महीने बंगलोर से ही गमलों को हटाने की नसीहत कई महीनों से दे रही थी. एक बार तो हमने भी सोचा हर महीने के किचकिच से अच्छा है, पौधे किसी को दे दूँ या उखाड़ फेंकूं. जिस दिन केजरीवाल के खानदान से ताल्लुक रखने वाली मकान मालकिन टपक पड़ी, उस दिन रायता फैला देगी. कई पौधों को उखाड़ फेंका, क्योंकि कोई वारिस ना मिला. आधे पौधे नष्ट होने के बाद आत्मा ने धिक्कारना शुरू कर दिया, मन बेचैन हो उठा. दो - तीन रात ठीक से सो नहीं पाया. फिर फैसला किया, अब इस फ्लैट को ही अलविदा कह देंगे. आखिर हर महीने समय से मोटा किराया चुकाते हैं, तो फिर दूसरों की सनक क्यों झेलें. और हमने घर शिफ्ट कर डाला और प्रकृति और पौधों से नफरत करने वाली चुड़ैल से अपने आधे पौधे बचा लिए. अब ये सब रामकहानी मैं आपको क्यों बता रहा हूँ??? असल में ये रामकहानी असली कहानी की पृष्ठभूमि मात्र है, असली कहानी तो अभी बाकी है.
प्रकृति और पेड़ - पौधों का हमने जितना विनाश किया है, उसका ही परिणाम है कि आज ऑक्सीजन के बिना जान से हाथ धोना पड़ रहा है. कोरोना के तांडव पर नजर डालें तो ज्यादा प्रदूषित शहरों और जगहों पर य़े आतातायी बनकर कहर ढा रहा है और मौत ऐसी जगहों पर ज्यादा हो रही है. गावों और प्रकृति की गोद में रहने वालें लोग आज भी मौज में जी रहे हैं. वहाँ कोरोना कुछ बिगाड़ ना पा रही, या फिर रुग्ण और बीमार लोग ही ऐसी जगहों पर लपेटें में आ रहे हैं. ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि वहाँ ऑक्सीजन की मात्रा हवा में इतनी है कि किसी को ऊपर से चढ़ाने की नौबत नहीं आती.
कोरोना के इस कहर में या तो हम और आप अंतिम यात्रा पर निकल लेंगे या फिर माँ प्रकृति की कृपा और अपने शरीर को इससे लड़ने के लिए तैयार कर रखा होगा तो बच लेंगे. कोरोना दो अहम सबक दे रहा और पूरी दुनिया केवल और केवल एक पर ही मुद्दे पर सर फोडू चर्चा में लगी पड़ी है -
"अपने को ऐक्टिव और स्वस्थ रखने के लिए योग, एक्साइज, वॉक, दौड़कर अपने को चुस्त - दुरुस्त रखो, कोरोना कुछ ना बिगाड़ पायेगा."
हो सकता है य़े बातेँ सही हों - योगी, डॉक्टर, वैज्ञानिक, अनुसंधान में लगे लोग सब यही सलाह दे रहे हैं, तो गलत तो नहीं होगा. पर मेरी छोटी सी समझ ये कहती है कि य़े सलाह ठीक वैसे ही है, जैसे आस-पड़ोस में आग लगी हो और आप अपने घर का ऐसी (AC) चलाकर चैन की बंसी बजाइए और कूल रहिये. सोचिये जरा, आखिर इस मूर्खतापूर्ण तरीके से कब तक बचेंगे???
इस कोरोना के कहर के वक़्त का दूसरा अहम पहलू है - ऑक्सीजन.
जी हाँ, ऑक्सीजन. जैसे ही पता चला रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, लग जाते हैं ऑक्सीजन की खोज में. आज का ट्रेंड यही है. धन्ना सेठों ने अपने घरों में बेवजह ऑक्सीजन सिलेंडर भरभर रखा हुआ है, जाने कब जरूरत पड़ जाए. और उधर हजारों लोगों की जान सिर्फ और सिर्फ दो घूंट ऑक्सीजन नसीब ना हो पाने की वजह से जा रही है. खैर, ये सदियों से होता आया है और आगे भी होता रहेगा. इस खास और आम की असमानता पर मेरा और आपका कोई बस नहीं. तो करें क्या??? वो करिए जो आपके बस में है.
जी हाँ, पहला उपाय तो आप कर ही रहे हैं, जिसे जोरशोर से मिडिया के
हर माध्यम से प्रचारित और प्रसारित किया जा रहा है. आज हम बात करेगे उस दुसरे उपाय की जिसकी बात कोई नहीं कर रहा. प्रकृति का
पोषण कीजिये, प्रकृति का रक्षण कीजिये. वृक्ष लगाएं, जंगल बढ़ाए... अब आप सोच रहे होंगे, क्या बकवास कर रहा हूँ. ये काम कोई एक दिन में होगा क्या???
मेरे - आपके जैसे लोग तो शहरों में कबूतर के खोप जैसे घरों में रहने को बाध्य है और पेड़ कहाँ लगाये भाई??? इसका भी उपाय है. आज ही शुरुआत कीजिए. घरों के अंदर, छतों और बालकनी में गमले में जितना हो सकें छोटे पौधें लगाए. तुलसी, घृत कुवांरी (एलोवेरा), पुदीना, लेमन ग्रास जैसे औषधीय पौधें लगाकर शुरुआत कीजिए. कई इंडोर प्लांट हैं - मनी प्लांट, स्पाइडर प्लांट, स्नेक प्लांट, पीस लिली, एरिका पाम, घृत कुवांरी (एलोवेरा), रबर प्लांट, बैम्बू प्लांट जैसे पौधे, घर के अंदर अच्छे से बढ़ते है और ऑक्सीजन लेवल भी बनाए रखते हैं. ऐसे पौधों को कमरे की खिड़कियों, बरामदे जहाँ जगह मिले लगाईये. अब भी अगर बात समझ नहीं आ रही तो शायद ये आखिरी मौका है आपके पास, इसके बाद फिर ऐसी सलाह मानने के लिए ना आपके पास समय होगा और ना जरूरत. क्योंकि मरे हुए लोगों की आत्माओं को ना ऑक्सीजन की जरूरत होती है और ना ऑक्सीजन सिलेंडर की. हो सकता है अभी ये पोस्ट बकवास लगे. पर आने वाले समय में जब कोरोना का कहर थोडा कम होगा, यही बात आपको वैज्ञानिक से लेकर हर कॉपी पेस्ट वाले समझा रहे होंगे.
Sunday, July 12, 2020
मोदी जी के निजीकरण पर बेहतरीन गीत...
Friday, July 10, 2020
क्या आप भी ऐसी ही हालत में जाना चाहते हैं?
अंधों की बस्ती में फिर आइना बेचने आया हूँ
सोचिये...
अब आप खुद सोचिये... क्या आप भी ऐसी ही हालत में जाना चाहते हैं?
मुझे पता है जब आपने आज तक दी मेरी चेतावनी नहीं मानी, तो आज इस पोस्ट से भी किसी कोई कोई फर्क पड़ने वाला नहीं. तभी तो शीर्षक रखा है- "अंधों की बस्ती में फिर आइना बेचने आया हूँ".
Friday, July 3, 2020
भागलपुर का दुर्भाग्य बनेगे व्यापारी वर्ग
Tuesday, June 30, 2020
नई दिशा
नई दिशा
पहले अच्छी तरह सेहडडी–पसली तोड़ दो.
खड़ा न हो सके
ऐसा निचोड़ दो.
टूटकर पंगु हो जाए
तब देश को नया मोड़ दो.
मुफ्तखोर भारत
पर इसके लिए जिस तरह से सरकार लोगों को मुफ्तखोरी की रबड़ी बाँट रही है, ये अर्थव्यवस्था को बिलकुल ही पंगु बना देगा और लोगों को कामचोर. हमारा ग्रामीण क्षेत्र पहले से ही मजदूरों और कामगारों की कमी झेल रहा. ग्रामीण मजदुर या तो पलायन कर रहे हैं या फिर मुफ्त की रोटी मचान पर बैठकर तोड़ रहे हैं. इस तरह से लोग और निकम्मे और आलसी बनेंगे. जब लोगों का पेट बैठ-बिठाए ही भरता रहेगा, तो फिर कोई क्यों काम करे.
वाह मोदीजी डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ, सेना, रेलवे, सफाई कर्मी जो इस कोरोना काल में जान हथेली पर लेकर काम कर रहे हैं, उन्हें तो आप उपहार में सैलरी पर कैंची चला रहे हो और यहाँ 90 करोड़ लोगों को मुफ्त की रबड़ी बाँट रहे हो, जो दो रूपये किलो की राशन खाकर पहले ही निकम्मे और कामचोर हो चुके हैं. आत्मनिर्भर भारत बने ना बने, निकम्मा भारत तो जरुर बनेगा.
जय हो... जय हो.
देश की हालत क्या होगी, यही सोचकर दशकों पहले लिखी मेरी ये कविता आज सहसा ही याद हो आई. ये 2002 में उस समय के दिग्गज हिंदी पत्रिका में ऑनलाइन छपी थी.
नई दिशा
पहले अच्छी तरह सेहडडी–पसली तोड़ दो.
खड़ा न हो सके
ऐसा निचोड़ दो.
टूटकर पंगु हो जाए
तब देश को नया मोड़ दो.
-अंशुमान चक्रपाणि
(http://hindinest.com/kavita/2003/034.htm)
Sunday, June 28, 2020
सबसे बड़ा आतंकवादी
Sunday, June 21, 2020
आज के दिन सब योगी हैं !
पहला तो आज अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस है और दूसरा साल का सबसे बड़ा सूर्यग्रहण चल रहा है. इस ग्रहण में हम 900 साल के बाद वलयाकार सूर्यग्रहण को देख सकेगें. अगला सूर्य ग्रहण शायद भारत में ग्यारह साल बाद दिखाई देगा, जो 21 मई 2031 को होगा, जबकि 20 मार्च 2034 को पूर्ण सूर्यग्रहण देखा जाएगा.
आज के दिन सब योगी हैं. योगी, भोगी, रोगी और भोयोगी सभी योग दिवस की शुभकामनाएं दें रहे हैं और अपनी फोटो सबके साथ शेयर कर रहे हैं. पर मेरे लिए 21 जून एक सामान्य दिन की तरह ही है. सूर्यग्रहण चल रहा है यही विशेष है. योग तो जीवन का हिस्सा ही है. फिर इसके लिए एक दिन योग दिवस मनाने की जरूरत मुझे महसूस नहीं होती. हाँ, ये दिन उनके लिए विशेष हो सकता है, जिनको पुरे साल इस दिन का इंतजार रहता है. ताकि योगाभ्यास करते हुए कुछ फोटो लेकर मित्रों को दिखा सकें. मतलब बस एक दिन योगाभ्यास कर ऐसे लोग पुरे साल उर्जा प्राप्त करते हैं.
एक दिन योग दिवस मनाकर, जीवन में कुछ हासिल होने वाला नहीं. इस योग दिवस को सफल तभी कहा जाएगा, जब हम इसे अपने दैनिक जीवन में स्थान दें. योग को जीवन का हिस्सा बनाइये, योग आपको निर्मल और स्वस्थ शरीर प्रदान करेगा.
जय हो !
Thursday, June 18, 2020
चलो Tik Tok... Tik Tok करें
लद्दाख के अभियंता और जाने-माने शिक्षा सुधारक सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk). |
अपना TikTok वीडियों और चायना का फोन जिंदाबाद.
कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता,
एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों.
टिक-टॉक (TikTok)
हेलो (Helo)
यूसी ब्राउजर (UC Browser)
यूसी न्यूज (UC News)
शेयर इट (Sharit)
लाइकी (Likee)
360 सिक्योरिटी (360 Security)
न्यूज डॉग (NewsDog)
शिन (SHEIN)
विगो वीडियो (Vigo Video)
वी चैट (WeChat)
वीबो (Weibo)
जूम (ZOOM)
वीबो लाइव (Vibo live)
क्लब फैक्टरी (Club Factory)
शेंडर (Xender)
ब्यूटी प्लस (BeautyPlus)
क्वाई (Kwai)
रोमवी (ROMWE)
फोटो वंडर (Photo Wonder)
एपीयूएस ब्राउजर (APUS Browser)
वीवा वीडियो (VivaVideo)
क्यूयू वीडियो इंक (QU Video Inc)
परफेक्ट कोर्प (Perfect Corp)
सीएम ब्राउजर (CM Browser)
वायरस क्लीनर (Virus Cleaner)
हाई सिक्योरिटी लैब (Hi Security Lab)
एमआई कम्यूनिटी (Mi Community)
डीयू रिकाॅर्डर (DU recorder)
यूकैम मेकअप (YouCam Makeup)
एमआई स्टोर (Mi Store)
डीयू बैटरी सेवर (DU Battery Saver)
डीयू ब्राउजर (DU Browser)
डीयू क्लीनर (DU Cleaner)
डीयू प्राइवेसी (DU Privacy)
क्लीन मास्टर (Clean Master)
बैदू ट्रांसलेट (Baidu Translate)
बैदू मैप वंडर कैमरा (Baidu Map Wonder Camera)
ईएस फाइल एक्पलोरर (ES File Explorer)
क्यूक्यू इंटरनेशनल (QQ International)
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